किसान दिवस: दिल्ली के बॉर्डर पर हजारों किसान प्रदर्शनकारी इकट्ठा
दिल्ली : किसान दिवस से पहले, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थलों पर इकट्ठा होने के लिए किसान नेताओं से मंगलवार को बैठक की जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में कड़ाके की ठंड के बीच किसान लगभग एक महीने से केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का आश्वासन देने वाले कानून को लागू करने की अपनी मांग के लिए बिहार जैसे अन्य राज्यों में किसानों से समर्थन प्राप्त करने के लिए यूनियनों द्वारा प्रयास जारी हैं। चौधरी चरण सिंह, महान किसान नेता और देश के पांचवें प्रधानमंत्री की स्मृति में भारत 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाता है।
सोमवार को किसानों ने विभिन्न विरोध स्थलों पर भूख हड़ताल की, केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव, विवेक अग्रवाल ने रविवार को 40 किसान यूनियन नेताओं को पत्र लिख उनसे कानून से जुड़ी चिंताओं को निर्दिष्ट करने के लिए कहा। पहले कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव और बातचीत के अगले दौर के लिए एक सुविधाजनक तारीख का चयन करेने की बात कही ताकि चल रहे आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो सकें।
किसान यूनियनों के तीन कानूनों को रद्द करने की मांग से इंकार करने पर 9 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता को रद्द कर दिया गया था ।
चल रहे आंदोलन के कारण, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि सिंघू, औचंदी, पियू मनियारी और मंगेश सीमा बंद हैं इसलिए यात्रियों को लामपुर, सफियाबाद सबोली और सिंघू स्कूल टोल टैक्स सीमाओं के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है। पुलिस ने कहा कि चूंकि मुकरबा और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है, इसलिए लोगों को आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और नेशनल हाईवे 44 से ना जाने की सलाह दी गई है।
हरियाणा की यात्रा करने वाले लोग झारोदा, दौराला, कापसहेड़ा, बदुसराय, राजोखरी NH-8, बिजवासन-बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा सीमाओं के माध्यम से जा सकते हैं। यातायात पुलिस के अनुसार, टिकरी और धनसा सीमाएँ भी यातायात के लिए बंद हैं, लेकिन झटीकरा सीमा केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुली थी। चिल्ला बॉर्डर पर, दिल्ली से नोएडा का रास्ता यातायात के लिए खुला है। हालांकि, नोएडा से दिल्ली रास्ता बंद है। गाजीपुर सीमा भी यातायात के आवागमन के लिए बंद थी।